कश्मीर के दानिश ने बनाया ऐसा मल्टीपर्पस गैजट जिसने महिलाओं की खाना बनाने की मुश्किल को किया आसान

इनोवेशन और रिसर्च करने की कोई उम्र नहीं होती है, सिर्फ टैलेन्ट होना चाहिए। आपकी मेहनत और लग्न आपको बुलदिंयों की ऊंचाई पर ले जा सकती है। ऐसा ही कुछ कर गुजरने का जज्बा दिखा कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा माछिपुरा के सरकारी स्कूल के स्टूडेन्ट दानिश अहमद बट के अन्दर । इन्होंने इनोवेशन की दुनिया में वो कमाल कर दिखाया जिसके लिए इन्हें नेशनल लेवल एक्शबिशन एण्ड प्रोजेक्ट कॉम्पटीशन के इंस्पायर अवार्ड से पिछले साल दिल्ली बुलाकर नवाजा गया। दानिश ने दरसल ऐसा मल्टीपरपस कुकिंग टूल डिजाइन किया है जिसकी मदद से घर का खाना बनाया जा सकता है।

कश्मीर के दानिश ने बनाया ऐसा मल्टीपर्पस गैजट जिसने महिलाओं की खाना बनाने की मुश्किल को किया आसान
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श्रीनगर: इनोवेशन और रिसर्च करने की कोई उम्र नहीं होती है, सिर्फ टैलेन्ट होना चाहिए। आपकी मेहनत और लग्न आपको बुलदिंयों की ऊंचाई पर ले जा सकती है। ऐसा ही कुछ कर गुजरने का जज्बा दिखा कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा माछिपुरा के सरकारी स्कूल के स्टूडेन्ट दानिश अहमद बट के अन्दर । इन्होंने इनोवेशन की दुनिया में वो कमाल कर दिखाया जिसके लिए इन्हें नेशनल लेवल एक्शबिशन एण्ड प्रोजेक्ट कॉम्पटीशन के इंस्पायर अवार्ड से पिछले साल दिल्ली बुलाकर नवाजा गया। दानिश ने दरसल ऐसा मल्टीपरपस कुकिंग टूल डिजाइन किया है जिसकी मदद से घर का खाना बनाने के साथ ही उस डिवाइस का इस्तेमाल रूम हिटर की तरह भी किया जा सकता है। 


दानिश के इनोवेशन को दिल्ली में मिला सम्मान


दानिश के इस इनोवेशन को एनएलईपीसी नई दिल्ली के 60 इनोवेशन में जगह मिली जोकि कश्मीर के लिए बड़े गर्व का विषय है। मीडिया से बातचीत में वो बताते है कि उन्हें इनोवेशन का आइडिया अपनी मां को कड़ी मेहनत कर खाना बनाते हुए मिला। उन्होंने अपनी मां को जब पारंपरिक चुल्हें पर खाना बनाते देखा तो उन्हें लगा कि कुछ ऐसा करना चाहिए जो उनकी मां के अलावा मेहनत से खाना बनाने वाली हर महिला के काम आ सके। वो कहते है कि पारंपरिक चुल्हे के लिए इधन की तलाश में काफी मेहनत करनी पड़ती है लेकिन उनके डिवाइस की मदद से उबलते पानी के भाप से खाना बनाने, सर्दियों में रूम को गर्म करने के अलावा हर तरह के तापमान को सेट करके डिवाइस की मदद से हर काम को आसान बनाया जा सकता है। 

एनएलईपीसी के लिए, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने तकरीबन 6.53 लाख कॉन्सेप्ट तैयार किए थे और उनमें से 576 को साल 2020-21 में एक्शबीशन के लिए चुना गया था।
जम्मू और कश्मीर के अलग अलग सरकारी स्कूलों के तकरीबन 13 छात्रों ने अकादमिक वर्ष 2020-21 के लिए इनोवेशन इन साइंस परसूट फॉर इंसपायर्ड रिसर्च पुरस्कारों की राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी में जगह बनाई थी।
10-15 वर्ष की आयु के छात्रों ने जनवरी की शुरुआत में स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) और नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन-इंडिया (एनआईएफ) द्वारा आयोजित यूटी-वाइड ई-प्रदर्शनी में भाग लिया।


इनोवेशन को मिले सकारात्मक सुझाव


दानिश के इनोवेशन का निरिक्षण करने वाली टीम ने इनके इनोवेटड डिवाइस में बदलाव को लेकर कई सुझाव दिए है और उन्हें इस पर और ज्यादा रिसर्च की सलाह दी है। प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेन्ट जे एण्ड के आलोक कुमार ने दानिश के डिजाइन और इनोवेश की तारीफ करते हुए कहा कि ये कश्मीर के लिए बड़ा गर्व का पल है कि एक स्टूडेन्ट वो भी सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला जो तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए ऐसे किसी इनोवेशन को अन्जाम देता है जिसकी हमें उम्मीद भी नहीं थी। उन्होंने कहा कि वो चाहते है कि दानिश की तरह ही और भी स्टूडेन्टस उनसे प्रेरणा लेकर इनोवेशन की दुनिया में आगे बढ़कर काम करें। 


क्या है इंस्पायर स्कीम


इंस्पायर स्कीम प्रोग्राम सरकार के सांइस एण्ड टेकनॉलजी डिपार्टमेन्ट द्वारा चलाया जा रहा है जिसके तहत 10 से 15 साल के स्टूडेन्टस जो क्लास 6 से 10 तक में पढ़ते है ऐसे सभी स्टूडेन्टस को इनोवेशन और साइंस के लिए मोटिवेट करना है।  


इस स्कीम का मकसद स्टूडेन्टस के बीच क्रिएटीव और न्यू आइडियाज को बढ़ावा देने के लिए साइंस और सोशल एप्लीकेशन में निहित एक मिलियन आइडियाज और इनोवेशन  को टारगेट करना है। इस योजना के तहत, सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूल ऑफिशयली इंस्पायर वेबसाइट के जरिए से स्टूडेन्टस के 5 बेहतरी आइडियाज और इनोवेश को नोमिनेट कर सकते हैं। अवार्डस के लिए एन्ट्रीस सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों से स्वीकार की जाती हैं।
 

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