कश्मीर के 10 साल के बच्चे का इनोवेशन देखकर हैरान रह जायेंगे आप,इनोवेशन ऐसा जो ला सकता है पोल्ट्री व्यवसाय में क्रांति

हम बात कर रहे है कुलगाम के 10 साल के लड़के मोमिन इशाक की जिसने कुछ  ऐसा नया किया है जो भविष्य में पोल्ट्री व्यवसाय को बेहतरीन से सस्ता बना सकता है। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के मुनाद गुफान गांव के मोमिन ने दो साल के गंभीर और समर्पित प्रयास के बाद कम लागत वाला एग इनक्यूबेटर डिजाइन किया है। उसका ये डिजाइन इनोवेशन की दुनिया में उसका एक छोटा सा योगदान है लेकिन उसकी मासूम से बच्चे की सोच काफी गहरी है। मोमिन वर्तमान में मुनाड के एक सरकारी हाई स्कूल के दूसरी क्लास का स्टूडेन्ट है। मोमिन ने एग इनक्यूबेटर बनाया है जो किफायती और बेहतर दोनों है।

कश्मीर के 10 साल के बच्चे का इनोवेशन देखकर हैरान रह जायेंगे आप,इनोवेशन ऐसा जो ला सकता है पोल्ट्री व्यवसाय में क्रांति
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कुलगाम : कहते है टैलेन्ट किसी प्लैटफार्म या फिर किसी उम्र का मोहताज नहीं होता है वो कहीं भी मौजूद हो सकता है और किसी के भी अन्दर हो सकता है। बस फर्क है उसे सही दिशा मिलने का, क्योंकि शहरों और गांव कस्बों में सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिये, कई बार ऐसे इनोवेशन सामने आते है जो अटपटे तो होते है लेकिन जिन्दगी को आसान बनाने का काम करते है। ऐसे ही टैलन्ट से हम आपको रूबरू करवाने जा रहे है जो उम्र में बहुत छोटा है लेकिन उसका काम और उसकी सोच बहुत बड़ी है।  


हम बात कर रहे है कुलगाम के 10 साल के लड़के मोमिन इशाक की जिसने कुछ  ऐसा नया किया है जो भविष्य में पोल्ट्री व्यवसाय को बेहतरीन से सस्ता बना सकता है। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के मुनाद गुफान गांव के मोमिन ने दो साल के गंभीर और समर्पित प्रयास के बाद कम लागत वाला एग इनक्यूबेटर डिजाइन किया है। उसका ये डिजाइन इनोवेशन की दुनिया में उसका एक छोटा सा योगदान है लेकिन उसकी मासूम से बच्चे की सोच काफी गहरी है। 


मोमिन वर्तमान में मुनाड के एक सरकारी हाई स्कूल के दूसरी क्लास का स्टूडेन्ट है। मोमिन ने एग इनक्यूबेटर बनाया है जो किफायती और बेहतर दोनों है। छात्र ने बताया कि मेरे इनोवेशन का मकसद अंडे सेने के लिए एक बेहतरीन वातावरण प्रदान करके मकामी पोल्ट्री व्यवसाय और छोटे किसानों का समर्थन करना है। इस छोटे से बच्चे का वैज्ञानिक दिमाग कई इनोवेशन को नयी प्रेरणा देता है, उसके छोटे से दिमाग में ये आइडियाज हमेशा उछल कूद मचाते रहते है और उसको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहते है। 


मोमिन को ऐसे आया इनक्यूबेटर बनाने का ख्याल


मोमिन से बात करने पर उसने बताया कि उसने बाजार में रंगीन चूजों को देखा जिसके बाद उसके मन में इनक्यूबेटर बनाने का ख्याल आया। उसने बताया कि घर पर पहले से देसी मुर्गियां थी, लेकिन वो अंडे नहीं दे रही थी। फिर उसे कम लागत वाला एग इन्क्यूबेटर विकसित करने का काम शुरू किया, कड़ी मेहनत और लक्ष्य की ओर बढ़ने से इस बच्चे को कोई नहीं रोक पाया और उसने अपना लक्ष्य पूरा करने में लगभग दो साल का समय लिया।

मोमिन ने दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति और भारत के ‘मिसाइल मैन’ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श बताया है। मोमिन के पिता मोहम्मद इशाक तेली ने कहा कि इतनी कम उम्र में भी उनके बेटे ने कम कीमत वाले एग इनक्यूबेटर को डिजाइन करने के लिए कड़ी मेहनत की।
मोमिन के पिता ने कहा कि वो दैनिक वेतन भोगी है। इसके बावजूद उन्होंने एक इन्वर्टर बैटरी खरीदने के लिए बचत की, जिससे उनके बेटे को अपने सपनों के प्रोजेक्ट को जीवित रखने में मदद मिली। आगे वो बताते है कि उन्हें खुशी है कि मेरा बेटा वह कर पाया जो उसने तय किया था।उन्होंने कहा, “हमें अपने उन बच्चों को हर संभव सहायता देने की जरूरत है जो उपलब्धि हासिल करना चाहते हैं या समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं।”

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