34 सालों में पहली बार... श्रीनगर के लाल चौक से निकला मुहर्रम का जुलूस

जम्मू-कश्मीर में 1990 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब शिया मुसलमानों ने मुहर्रम का जुलूस निकाला। गुरुवार के दिन निकाले गए इस जुलूस में हजारों शिया मुसलमान शामिल हुए। आतंकवाद के चलते सरकार ने लगाया था प्रतिबंध।

34 सालों में पहली बार... श्रीनगर के लाल चौक से निकला मुहर्रम का जुलूस
Stop

जम्मू-कश्मीर: जम्मू कश्मीर में 1990 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब शिया मुसलमानों ने मुहर्रम का जुलूस निकाला। इतने सालों में ऐसा पहली बार है जब ये जुलूस श्रीनगर के लाल चौक और आसपास के इलाकों से निकला गया। गुरुवार के दिन निकाले गए इस जुलूस में हजारों शिया मुसलमान शामिल हुए। 

दरअसल, साल 1990 में कश्मीर घाटी में आतंकवाद ने अपने पैर पसारने शुरु कर दिए। जिसके चलते सरकार ने  श्रीनगर के सेंटर प्वॉइंट यानि लाल चौक और इसके आसपास के इलाकों में मुहर्रम का जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

मुहर्रम के दिन इस जुलूस पर प्रतिबंध लगाने की सिर्फ एक ही वजह थी। वो थी यहां कानून व्यवस्था को बनाए रखना। लेकिन इस बार शिया मौलवियों और शिया मुसलमानों के धार्मिक गुरूओं ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से मुहर्रम का जुलूस निकालने की मंजूरी मांगी। उसके बाद UT जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने लाल चौक पर मुहर्रम का जुलूस निकालने की मंजूरी दे दी। बता दें कि, श्रीनगर शहर के इस लाल चौक और उसके आस पास के इलाक़ों में शिया मुसलमान की ख़ासा तादाद है।

34 साल बाद पहली बार मिली इजाज़त

बीते तीस सालों से कश्मीर के शिया मुस्लमान, सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से नाखु़श थे। लेकिन आज 34 साल बाद सरकार ने शिया मुस्लमानों की इस मांग को मंजूरी दे दी। और लाल चौक पर मुहर्रम का जुलूस निकाले जाने को लेकर यहां काफ़ी इंतेज़ामात किए गए। इस दौरान श्रीनगर के मेयर जुनैद मट्टू और जिला मजिस्ट्रेट मोहम्मद एजाज भी मुहर्रम के इस मशहूर जुलूस में शिया मुसलमानों का साथ देने के लिए, जुलूस में शामिल हुए।

हजारों की तादाद में शामिल हुए लोग

बीत तीन दशक यानि साल 1990 से पहले भी श्रीनगर के लाल चौक से  मोहर्रम के दिन इसी तरह शिया मुसलमान मुहर्रम के जुलूस को निकालते थे। सरकार ने 34 साल बाद शिया मुसलमानों को न केवल जुलूस निकालने की मंजूरी दी, बल्कि उनकी इस मुराद को पूरा करने के लिए, सरकार ने लाल चौक से निकलने वाले आम लोगों की आवाजाही को भी बंद कर दिया था। मुहर्रम के इस जुलूस में लाल चौक पर हजारों तादाद में लोग इकट्ठा हुए। इनमें से कई लोगों ऐसे थे जिन्होंने जिन्होंने अपनी जिंदगी में पहली बार श्रीनगर के दिल यानि लाल चौक पर हुए मोहर्रम के जुलूस में भाग लिया। लाल चौक से मुहर्रम का जुलूस निकलने का मतलब यही है कि, कश्मीर बदल रहा है...

Latest news

Powered by Tomorrow.io