Anantnag Surya Temple: एएसआई संरक्षित 8वीं सदी के मंदिर में 22 जनवरी को की गई परिक्रमा

कुछ लोगों के समूह ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के कर्मचारियों की अवहेलना करते हुए, जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में एएसआई सरंक्षित मार्तण्ड सूर्य मंदिर में घुस गए.

Anantnag Surya Temple: एएसआई संरक्षित 8वीं सदी के मंदिर में  22 जनवरी को की गई परिक्रमा
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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के कर्मचारियों की अवहेलना करते हुए, कुछ लोगों के एक समूह ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में एएसआई संरक्षित मार्तंड सूर्य मंदिर में जबरन घुस गए, गौरतलब है कि ये घटना उस दिन की है जिस दिन अयोध्या के  राम मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' हुई थी. 

खंडहर के अंदर बैठने की नहीं अनुमति
इस मसले में एएसआई कर्मचारियों ने कहा कि घाटी के अनंतनाग जिले में स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर में प्रवेश के बावजूद, समूह को कार्कोटा राजवंश के राजा ललितादित्य मुक्तपीड द्वारा निर्मित 8 वीं शताब्दी के मंदिर के खंडहरों के अंदर बैठने की अनुमति नहीं थी. आपको बता दें कि यह मंदिर राजा द्वारा हिंदू भगवान सूर्य को समर्पित किया गया था, जिन्हें संस्कृत भाषा में मार्तंड भी कहा जाता है. 

राजस्थान से आया था ये समूह
इस रिपोर्टों में कहा गया है कि लोगों का ये समूह राजस्थान के भरतपुर से आया था और उन्होंने 22 जनवरी को हनुमान चालीसा का जाप करते हुए 'परिक्रमा' पूरी करने के बाद मंदिर परिसर के अंदर भगवा झंडा फहराया. इस मंदिर में ऐसा पहले भी हो चुका है, 2022 के बाद से इस समूह का लगातार तीसरा प्रयास था. ये समूह राष्ट्रीय अनहद महायोग पीठ से जुड़ा हुआ है. इस समूह ने अपने 2024 के प्रयास का समय अयोध्या राम मंदिर में प्रार्थना के उद्घाटन के साथ तय किया था. 

एएसआई संरक्षित स्थल में पूजा की होती है मनाही
एएसआई दिशानिर्देश किसी भी मंदिर या मस्जिद या अन्य धर्मों के अन्य स्थलों के अंदर प्रार्थना करने पर रोक लगाते हैं जो एएसआई द्वारा संरक्षित हैं, जब तक कि ऐसे स्थल एएसआई द्वारा संरक्षित होने पर कार्यात्मक प्रार्थना स्थल नहीं थे. 
ऐसा माना जाता है कि मार्तंड सूर्य मंदिर को स्थानीय मुस्लिम राजा सिकंदर शाह ने नष्ट कर दिया था, जिसे मूर्तिभंजक के रूप में जाना जाता था. पिछले साल अप्रैल में राजस्थान स्थित हिंदू समूह मार्तंड सूर्य मंदिर में 'पूजा' करने आया था, लेकिन समूह को मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें मार्तंड के पास मट्टन शहर में शिव मंदिर में हिरासत में लिया गया.

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