जम्मू-कश्मीर को मिलने वाली 200 ई-बसें... जानिए क्या होगा जम्मू-कश्मीर का कल...

कश्मीर में बढ़ते टूरिज्म और गाड़ियों की तादाद को देखते हुए, जम्मू-कश्मीर सरकार ने टाटा मोटर्स के साथ एक ज़रूरी समझौता किया है। जिसकी मदद से कश्मीर में साफ और सुरक्षित ट्रांसपोर्ट व्यवस्था क़ायम की जा सके। इस सौदे के जरिए, कश्मीर के लोगों के लिए 200 ई-बसें खरीदी जाएंगी।

जम्मू-कश्मीर को मिलने वाली 200 ई-बसें... जानिए क्या होगा जम्मू-कश्मीर का कल...
Stop

जम्मू-कश्मीर: भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक जम्मू-कश्मीर देश और दुनिया भर के लोगों और टूरिस्ट्स के लिए एक ऐसी जगह है, जहां वो अपना ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त बिताना चाहते हैं। और कश्मीर अपने मौसम, हरियाली और साफ-सुथरे वातावरण के लिए भी मशहूर है। कश्मीर के इस बेहतरीन वातावरण को साफ और सुरक्षित बनाए रखने के लिए सरकार ख़ासा ध्यान दे रही है।

कश्मीर में बढ़ते टूरिज्म और गाड़ियों की तादाद को देखते हुए, जम्मू-कश्मीर सरकार ने टाटा मोटर्स के साथ एक  ज़रूरी समझौता किया है। जिसकी मदद से कश्मीर में साफ और सुरक्षित ट्रांसपोर्ट  व्यवस्था क़ायम की जा सके। इस सौदे के जरिए, कश्मीर के लोगों के लिए 200 ई-बसें खरीदी जाएंगी। सरकार और बस बनाने वाली कंपनी  के बीच हुए इस समझौते के हिसाब से, सरकार कंपनी को हर 12 मीटर लंबी बस के लिए 55.62 रुपये प्रति कि.मी. और 9 मीटर लंबी बस के लिए 47 रूपये प्रति कि.मी. चुकाएगी।

सरकार जम्मू-कश्मीर के आने वाले कल को देखते हुए, यहां बेहतर से बेहतर प्रोजेक्ट चला रही है। इन्हीं जरूरी प्रोजेक्ट्स में एक है स्मार्ट अर्बन ई-मोबिलिटी प्रोजेक्ट। ट्रांसपोर्टेशन के लिए बनाए गए इस प्रोजेक्ट के तहत, जम्मू-कश्मीर में ट्रांसपोर्टेशन को बेहतर और इन्वॉयर्मेंट फ्रैंडली बनाना चाहती है। इस प्रोजेक्ट के जरिए, पूरी तरह से एयर-कंडीशन्ड बसें खरीदी जाएंगी ताकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाया जा सके। सरकार इस प्रोजेक्ट के जरिए कश्मीर में एक टिकाऊ और कार्बन उत्सर्जन यानि पॉल्यूशन को कम करना चाहती है।

12 साल तक चलने वाले इस सौदे के तहत, पूरे जम्मू और कश्मीर, दोनों इलाकों में लगभग 100-100 बसें चलाई जाएंगी। जिसके वजह से कश्मीर के लोगों को फाएदा होगा। इस साल 15 अगस्त को जम्मू के लिए तय की गई 100 ई-बसें  सड़कों पर दौड़ना शुरू कर देंगी। 

कर्नाटक के धारवाड़ में तैयार की जाने वाली, इन बसों में बहुत ज्यादा क्षमता है। जम्मू-कश्मीर में चलाई जाने वाली बसें, रोजाना 200 कि.मी का सफर तय करेंगी। ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करायी जा सकें। इस प्रोजेक्ट को ग्रॉस कॉस्ट कंट्रोल मॉडल की तर्ज पर तैयार किया जा रहा। इस मॉडल को देश के कई सारे शहरों में सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है। 

15 अगस्त को जम्मू में स्मार्ट बसों का पहला बैच आने वाला है जिसको लेकर अधिकारी बहुत ज़्यादा खु़श हैं।  जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड (जेएससीएल) के सीईओ राहुल यादव ने नई बसों पर अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि, "ई-बसों के लिए सरकार को किसी भी तरह का एकमुश्त भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इसके बजाय, हमने बस निर्माता/संचालक कंपनी से एक समझौता किया है, जिसके तहत, हर एक बस के द्वारा तय की गयी दूरी के हिसाब से कीमत चुकाई जाएगी।"
जम्मू के भगवती नगर में एक बस डिपो को तैयार किया जा रहा है। जिसका काम अपने आखिरी स्टेज पर है। ये बस डिपो इन पर्यावरण अनुकूल बसों के लिए ऑपरेशन सेंटर के रूप में काम करेगा। भगवती नगर बस डिपो 12 मीटर लंबी 25 ई-बसों और 9 मीटर लंबी 75 बसों की जरूरतों को पूरा करेगा।
 
राज्य में इन 200 नई ई-बसों के आ जाने से जम्मू-कश्मीर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में काफी सुधार आने वाला है। इसके साथ ये कश्मीर के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को भी मजबूत करेगा। ई-बसों के आने से कश्मीर का आने वाला कल भी बदलेगा। सरकार को उम्मीद है कि ये अत्याधुनिक ई-बसों जम्मू-कश्मीर के सार्वजनिक परिवहन में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगी और यात्रियों को आरामदायक, पर्यावरण-अनुकूल और तकनीकी रूप से उन्नत यात्रा का साधन मुहैया कराऐंगी।                                                                                                                         

Latest news

Powered by Tomorrow.io