जम्मू को मिली बड़ी सौगात उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जंबू जू का किया उद्धघाटन और लोकार्पण

जम्मू के नगरोटा में जम्मू संभाग को मिलने जा रहा है पहला जंबू जू यानि चिड़ियाघर, अपने आप में रोमांच से भर देने वाले इस प्रोजेक्ट पर लम्बे समय से काम चल रहा था । लोगों को लगता था कि लगातार हो रहा काम कभी न कभी तो खत्म होगा और उन्हें जू को देखने घुमने का मौका मिलेगा । ऐसी सोच रखने वाले सभी लोगों के इंतजार की घड़िया अब खत्म होने वाली है ।जम्मू कश्मीर प्रशासन का महत्वकांशी प्रोजेक्ट जम्बू जू का आज लोकार्पण हो गया है और इसे आवाम को सुपुर्द करने का काम किया है, उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने ।

जम्मू को मिली बड़ी सौगात उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जंबू जू का किया उद्धघाटन और लोकार्पण
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जम्मू :

जम्मू के नगरोटा में जम्मू संभाग को मिलने जा रहा है पहला जंबू जू यानि चिड़ियाघर, अपने आप में रोमांच से भर देने वाले इस प्रोजेक्ट पर लम्बे समय से काम चल रहा था । लोगों को लगता था कि लगातार हो रहा काम कभी न कभी तो खत्म होगा और उन्हें जू को देखने घुमने का मौका मिलेगा । ऐसी सोच रखने वाले सभी लोगों के इंतजार की घड़िया अब खत्म होने वाली है ।

जम्मू कश्मीर प्रशासन का महत्वकांशी प्रोजेक्ट जम्बू जू का आज लोकार्पण हो गया है और इसे आवाम को सुपुर्द करने का काम किया है, उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने, जम्मू श्रीनगर हाई वे पर बने जम्बू जू का उद्धघाटन आज संपन्न हो गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ चीफ सेक्रेटरी अरूण कुमार मेहता ने इस जू को लोकार्पित करने के साथ ही जम्मू कश्मीर के लोगों को एक नई सौगात दी।

जंबू जू का उद्धघाटन करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वो वन्य जीवों के सरंक्षण करने वाले सभी लोगों का अभिवादन करते है। इसके साथ ही उन्होंने जू के निर्माण में काम करने वाले मजदूरों और वन विभाग की टीम को भी सम्मानित किया । उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद ये प्रोजेक्ट आखिरकार पूरी हो गया और आज इसे जम्मू कश्मीर की जनता को समर्पित किया गया, 62 करोड़ की लागत से इस परियोजना को तैयार किया गया है और अपनी तरह का ये जम्मू कश्मीर में बनने वाला पहला जू है और इसके पहके फेज की आज शुरुआत की गई है, हमें उम्मीद है कि इस ज़ू के शुरू होने से जम्मू कश्मीर की इकॉनमी आगे बढ़ेगी और जम्मू आने वाले टूरिस्टों को यह ज़ू खूब लुभाएगा ।

 

जू में कौन से जानवर

जू का सबसे बड़ा आकर्षण जंगल सफारी की तर्ज पर जू की सफारी होगा। इसमें 17 बड़ी और छोटी प्रजातियों के जानवर व पक्षियों को भी रखा गया है। पहले चरण में गुजरात जू से शेर का एक जोड़ा लाया गया है। इसी तरह नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क ओडिशा से एक जोड़ा बाघ और लखनऊ जू से दस घड़ियाल लाए गए हैं।

जू बनाने में कितनी आयी लागत

जंबू जू की 62.17 करोड़ रुपये की परियोजना को साल 2016 में कैंपा के तहत शुरू किया गया था। अब तक प्रोजेक्ट पर 25 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है। करीब 3200 कनाल लैंड पर इसका निर्माण किया जा रहा है। जू में काला भालू, स्लॉथ भालू, मगरमच्छ, तेंदुए, हिरण और सांप की अलग अलग प्रजातियां मौजूद हैं।

 

इन्हें रखने के लिए विशाल इंक्लोजर का निर्माण किया गया है। अभी स्थानीय लोग व पर्यटक जम्मू शहर के मांडा डियर पार्क में रखे जंगली जानवरों को देखने जाते हैं। इस चिड़ियाघर में हिरण की सबसे ज्यादा प्रजातियां रखी गई हैं।

इसमें सफारी की व्यवस्था भी रहेगी। सफारी के लिए जू का एरिया भी 163.5 हेक्टेयर से बढ़ाकर 229.5 हेक्टेयर कर दिया गया है। जम्मू शहर के निकट होने से ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

 

जू में कितने की होगी टिकट

जम्बू ज़ू को देखने के लिए टिकट कुछ इस तरह रहेंगे, एडल्ट के लिए 80 रुपये, बच्चों और दिव्यांगों के लिए 40 रुपये और 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों के फ्री ज़ू देखने का इतंजाम रखा गया है, इसके साथ ही SAARC देशों के टूरिस्टों के लिए भी 80 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क रखा गया है । फोटोग्राफर्स और वीडियो ग्राफर्स के लिए 2000 से 25000 तक कि फीस ज़ू में शूटिंग करने की रखी गई है

 

जम्बू ज़ू में कई अन्य सुविधाएं भी रखी गई हैं जिनमें ट्रककिंग के साथ ओपन थिएटर, फ़ूड कोर्ट्स भी शामिल है ।ज़ू को लोग पैदल चल कर या बैटरी कार के माध्यम से देख सकेंगे, सुरक्षा के माध्यम से यहां कई सुरक्षा गार्ड दिन रात जम्बू ज़ू की निगरानी करेंगे ।

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