अखरोट की खास लकड़ी से बना गुलमर्ग का रॉयल महाराजा पैलेस टूरिस्टों को कराता है आकर्षित

अगर आप कश्मीर में है और कश्मीर को जानना और समझना दोनों चाहते है तो ये जगह आपको कश्मीर की रॉयल परंपरा का अहसास जरूर दिलायेंगी। अक्सर लोग कश्मीर गुलमर्ग घुमने आते है लेकिन कई बार वो महाराजा पैलेस को मिस कर जाते है लेकिन अब हम आपकों दिखाते है महाराजा पैलेस के अन्दर की ऐसी तस्वीरें जो आपको बताएंगी कि कश्मीर के महाराजा हरिसिंह और उनके पिता महाराजा यहां कैसे रहते थे।

अखरोट की खास लकड़ी से बना गुलमर्ग का रॉयल महाराजा पैलेस टूरिस्टों को कराता है आकर्षित
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Gulmarg : कश्मीर में आए टूरिस्टों के लिए घाटी को समझना और उसकी यादों को अपने साथ तस्वीरों में कैद कर ले जाने अच्छा लगता है। इसी कड़ी में अगर आप गुलमर्ग आये तो महाराजा पैलेस को मिस न कर जाये,  क्योंकि यहां पर आपको रॉयल लाइफ और इतिहास दोनों देखने को मिलेगा पढ़िए हमारी इस खास रिपोर्ट में । 

अगर आप कश्मीर में है और कश्मीर को जानना और समझना दोनों चाहते है तो ये जगह आपको कश्मीर की रॉयल परंपरा का अहसास जरूर दिलायेंगी। अक्सर लोग कश्मीर गुलमर्ग घुमने आते है लेकिन कई बार वो महाराजा पैलेस को मिस कर जाते है लेकिन अब हम आपकों दिखाते है महाराजा पैलेस के अन्दर की ऐसी तस्वीरें जो आपको बताएंगी कि कश्मीर के महाराजा हरिसिंह और उनके पिता महाराजा यहां कैसे रहते थे।

तस्वीरों में दिखने वाला ये महल रॉयल महाराजा पैलेस है और ये तकरीबल 100 साल से पुराना है। आज भी दूर दराज से टूरिस्ट यहां पर आते है और टिकट लेकर महाराजा की रॉयल जीवन को देखने पसन्द करते है। यहां पर गाइड मिलता है जो आपको महाराजा पैलेस से आपको मुखातिब करवाता है। महाराजा पैलेस पूरी तरह से अखरोट की लकड़ी का बना हुआ है और ये जिस लकड़ी से बना हुआ है । वो काफी ज्यादा किमती और बेहतर होती है। इस महल में महाराजा हरि सिंह से जुड़ी कई सारी चीजें आपको आज भी देखने को मिलेंगी, 8700 वर्ग फुट के बड़े क्षेत्र में बना ये एक मंजिला महल है। जिसका प्रवेश द्वारा काफी बड़ा है।

सोफे, झुम्मर और रिहायशी बेशकिम्मती समानों से सजा धजा ये एक रॉयल लुक देता है जिसे देखने के लिए गुलमर्ग आये टूरिस्ट जरूर आते है। इस महाराजा पैलेस में कश्मीर के राजा रणबीर सिंह की शादी हुई थी तब से यहां इस महल को देखने के लिए टूरिस्टों का आना जाना लगा रहता है। महल के अन्दर 15 कमरे है और सभी का जुड़ाव अलग अलग रास्तों से मेन हॉल की ओर जाता है जहां पर महाराजा भोजन किया करते थे। लकड़ी के ऊपर की गई शानदार कारीगरी को देख आप इस महल के मुरीद हो जायेंगे।

सभी कमरों में सर्दी न लगे इसके लिए अलग से इंतजाम किया गया है। उस जमाने के तेजधार हथियार गोला बारूद..बड़ी बड़ी महाराजा फैमली की उस समय की तस्वीरें और साथ ही लड़ाई के समय पहने जाने वाले लोहे के जैकट भी महल में रखे गये है। म्यूजियम के रूप में इस महल को देखने के लिए टूरिस्टों से 40 रूपये का चार्ज किया जाता है। टिकट लेने के बाद आप आसानी से गाइड की मदद से पूरे महल को देख सकते है। 

 

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